नीचे तस्वीर में आपको जो सेब दिख रहा है, उसे बाजार से ये सोचकर खरीदा गया है कि ये दिखने में बहुत सुंदर है और स्वादिष्ट (टेस्टी) भी होगा. महंगा तो खैर ये है ही. मगर इस सेब के साथ आप बीमारी भी खरीदकर घर ला रहे हैं. अनजाने में ही सही, मगर आप अपने बच्चों और घर के अन्य लोगों को जहर खिला रहे हैं.
ये जो आप देख रहे हैं ये सेब पर से उतारा गया मोम (Wax) है. वही मोम, जिससे मोमबत्ती बनती है. हो सकता है आपको इस बात पर भरोसा नहीं हो रहा हो तो आप खुद टैस्ट करके देखें. कटर या चाकू से सेब को कुरेदिये, आपको भी यही देखने को मिलेगा, जो इस तस्वीर में है.
कई बार हमें लगता है कि ये सेब साफ है, इस पर तो मोम हो ही नहीं सकता. पर यकीन कीजिए, हर महंगे सेब पर मोम तो होता ही है. सवाल उठता है कि सेब पर मोम लगाया क्यों जाता है? इसलिए लगाया जाता है, ताकि सेब ज्यादा समय तक खराब ना हो और इसकी चमक-दमक भी बनी रहे.
सोचिए, यदि ये मोम आपके शरीर में प्रवेश करेगा तो बीमारी तो देगा ही. और बीमारी है तो डॉक्टर के चक्कर लगाने ही पड़ेंगे. जब आप डॉक्टर के पास जाएंगे तो वो आपको फल खाने की सलाह देगा. आप फिर से एप्पल/सेब खाएंगे. फिर मोम आपके भीतर जाएगा और आपको और बीमार बना देगा. ये सिलसिला यूं ही चलता रहेगा.
मगर.. आप एक साधारण-सी कोशिश करके इस सिलसिले को तोड़ सकते हैं. आपके बस इतना ही करना है कि जब भी आप कोई फल, खासकर सेब, खरीदकर लाएं तो उसे गर्म पानी में डुबो दें. कुछ देर बाद निकालें और सूखे कपड़े से रगड़ कर साफ कर लें. जब मोम पूरी तरह उतर जाए तभी खाएं.
एक बात और, ये सलाह आप अपने सभी भाई-बहनों को भी दें, ताकि वे भी इस जहर से बच जाएं.
