Sunday, 2 August 2015

चमत्कार: 75 साल से बिना खाए-पीये जिंदा है जानी, डॉक्टर चकराए

हो सकता है आप चमत्कार शब्द में भरोसा न रखते हों, मगर एक चमत्कार इस दुनिया में मौजूद है. उसका नाम है प्रहलाद जानी. प्रहलाद जानी इस समय 83 साल के हैं और पिछले 75 सालों से उन्होंने न तो कुछ खाया है और न ही कुछ पीया है. बावजूद इसके प्रहलाद जानी चंगे-भले और पूरी तरह स्वस्थ हैं. डॉक्टर चकराए हुए हैं, समझ नहीं पा रहे हैं कि ये आखिर संभव कैसे है....


गुजरात के मेहसाणा जिले में रहने वाले 83 वर्षीय प्रहलाद जानी ( इन्हें माताजी चुनरी वाले के नाम से भी जाना जाता है) का जन्म 13 अगस्त 1929 में हुआ.

प्रहलाद जानी कहते हैं कि उन्हें दुर्गा माता का वरदान मिला है. उनके अनुसार- जब मैं 12 साल का था, तब कुछ साधू मेरे पास आए. उन्होंने कहा, हमारे साथ चलो, परंतु मैंने मना कर दिया. उसके करीब छह महीने बाद देवी जैसी तीन कन्याएं मेरे पास आईं और मेरी जीभ पर अंगुली रखी. तब से ले कर आज तक मुझे न तो प्यास लगती है और न भूख.
खास बात ये भी है कि वे न तो मल (लैटरिन) करते हैं और ना ही पेशाब (यूरिन). एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टर्लिंग अस्पताल के न्यूरोफिजिशियन डॉ. सुधीर शाह कहते हैं कि जानी के ब्लैडर में मूत्र बनता तो है, लेकिन कहां गायब हो जाता है इसका पता नहीं चल पाया है.
प्रहलाद जानी Prahlad Jani


20 दिन भी भूखा रहना मुश्किल
साइंस का मानना है कि कोई भी वयस्क इंसान बिना खाये 30 से 40 दिन तक जीवित रह सकता है, लेकिन बिना पानी के पांच दिन से ज्यादा जिन्दा रहना सम्भव नहीं है. कुछ लोग ही 5 दिन से ज्यादा बिना पानी के जीवित रह सकने में सक्षम हो सकते हैं. अभी तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 1981 में उत्तरी आयरलैण्ड में कैदियों ने भूख हड़ताल की थी, जिसमें 10 कैदियों की मृत्यु हो गई थी. उन कैदियों में सिर्फ एक व्यक्ति ही 73 दिन बिना खाये-पिये जिंदा रह पाया था. इन आंकड़ों से आप समझ सकते हैं कि महज 100 दिन भी बिना खाये-पीये जिंदा रहना मुश्किल है.

भारत के डॉक्टरों ने 2003 और 2005 में प्रहलाद जानी की अच्छी तरह जांचा-परखा है. इन जांच प्रक्रियाओं के अगुआ रहे अहमदाबाद के न्यूरॉलॉजिस्ट डॉ. सुधीर शाह ने कहा, 'उनका कोई शारीरिक ट्रांसफॉर्मेशन (कायाकल्प) हुआ है. वे जाने-अनजाने में बाहर से शक्ति प्राप्त करते हैं. उन्हें कैलरी यानी भोजन की जरुरत नहीं पड़ती. हमने कई दिन तक उनका अवलोकन किया, एक-एक सेकंड का वीडियो लिया, उन्होंने न तो कुछ खाया, न पिया, न पेशाब किया और न शौचालय गए.’

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 22 अप्रैल 2011 को प्रहलाद जानी डॉक्टरी जांच-परख के लिए एक बार फिर अहमदाबाद के एक अस्पताल में 15 दिनों तक भर्ती थे. इस बार भारतीय सेना के रक्षा शोध और विकास संगठन का शरीरक्रिया विज्ञान संस्थान जानना चाहता था कि प्रहलाद जानी के शरीर में ऐसी कौन सी क्रियाएं चलती हैं कि उन्हें खाने-पीने की आवश्यकता नहीं पड़ती.

30 डॉक्टरों की एक टीम ने तरह-तरह की डॉक्टरी जांच की. मैग्नेटिक रिजोनैंस इमेजिंग मशीन से उन के शरीर को स्कैन किया. हृदय और मस्तिष्क क्रियाओं को तरह-तरह से मापा. रक्त परीक्षा की, दो वीडियो कैमरों के द्वारा चौबीसों घंटे प्रहलाद जानी पर नजर रखी. जब भी वे अपना बिस्तर छोड़ते, एक वीडियो कैमरा साथ-साथ चलता. पाया गया कि प्रहलाद जानी का दावा एकदम सच है. वे सचमुच बिना खाने और पानी के न सिर्फ जिंदा हैं बल्कि पूरी तरह से स्वस्थ भी हैं.

अरे, कोई है जो सुलझा पाए ये पहेली
डॉ. शाह बताते हैं कि जानी का पहली बार मुंबई के जे.जे. अस्पताल में परीक्षण किया गया था, लेकिन इस रहस्य से पर्दा नहीं उठ सका. वे बताते हैं कि वे कभी बीमार नहीं हुए, उनकी शारीरिक क्रियाएं सभी सामान्य रूप से क्रियाशील हैं. चिकित्सक समय-समय पर उनका परीक्षण भी करते हैं, लेकिन ब्लड प्रेशर, हार्ट बीट आदि सभी सामान्य ही पाई गई हैं. चिकित्सकीय परीक्षण के दौरान डिस्कवरी चैनल ने भी उन पर एक लघु फिल्म तैयार की है. इसके अलावा डॉ. शाह ने भी जानी के तथ्यों को केस स्टडी के रूप में अपनी वेबसाइट पर डालकर दुनिया के चिकित्सकों को इस पहेली को सुलझाने की चुनौती दी है, लेकिन फिलहाल तक कोई भी इस पहेली को नहीं सुलझा पाया है.

वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. उर्मन ध्रूव बताते हैं कि जानी का शरीर पूरी तरह स्वस्थ है, चिकित्सा विज्ञान के समक्ष वे अब तक अबूझ पहेली बने हुए हैं. उनकी एक भी कोशिका में चर्बी का कोई अंश नहीं है. वैज्ञानिक इसे करिश्मा कहने से फिलहाल बच रहे हैं पर इतना जरूर मानते हैं कि प्रहलाद जानी आम इंसान से अलग हैं.

..तो बहुत बड़ी समस्या हल हो जाएगीपूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने भी इसमें रुचि दिखाई थी. यदि माताजी के ऊर्जा का स्रोत का पता चल जाता है तो शायद यह अंतरिक्ष यात्रियों एवं सेना के जवानों के लिए कारगर साबित होगा. यदि जानी के ऊर्जा स्रोत का पता चल जाता है तो चिकित्सकों का दावा है कि इससे अंतरिक्ष यात्रियों तथा सेना के जवानों की खाद्य समस्या हल हो सकती है साथ ही अकाल एवं भूखमरी जैसी समस्या को भी समाप्त किया जा सकता है.


अगर इसके पीछे प्रहलाद जानी के शरीर में मौजूद कोई खास जीन काम कर रहा है तो उसे जेनेटिक इंजीनियरिंग की मदद से खोजना होगा. अगर ऐसा हो गया तो-
1. दुनियाभर में भुखमरी की समस्या से निपटा जा सकता है.
2. इंसान के बीमार शरीर को स्वस्थ किया जा सकता है.
3. बर्फीले पहाड़ों पर रह रहे सैनिकों को मदद मिलेगी.
4. अंतरिक्ष यात्रा पर गए लोगों को खाने का सामान साथ नहीं ले जाना पड़ेगा.


नियमित योग और ध्यान करते हैंप्रहलाद जानी अपनी आयु के आठवें दशक में भी नियमित रूप से योगाभ्यास करते हैं और ध्यान लगाते हैं. योगी-ध्यानी व्यक्तियों में चमत्कारिक गुणों की कहानियों पर भारत में लोगों को आश्चर्य नहीं होता, पर विज्ञान उन्हें स्वीकार नहीं करता.

बीबीसी का फास्टिंग फकीर-
http://news.bbc.co.uk/2/hi/south_asia/3236118.stm


यहां भी मौजूद है पूरी कहानी-
http://www.lightdocumentary.com/prahlad-jani.html


यू-ट्यूब पर भी है जानी की मौजूदगी-


Prahlad Jani, also known as "Mataji", is an Indian sadhu. He claims to have lived without food and water since last 75 years, and says that the goddess Amba sustains him.

-ज्ञानकारी